सुनो मेरे आत्म-गान
सुनो मेरे आत्म-गान,


सुनो मेरे ह्रदय-गान । 


गुप्त आत्म-बगिया में,


फूल चुनूँगा तेरे लिए । 


भक्ति-जल में उन्हें सींच,


अर्पण करूँगा चरणों पर ।। 

- श्री श्री परमहंस योगानंद जी।