सुनो हे स्वामी अनन्त के

सुनो हे स्वामी! 

अनन्त के, 

देख रहा तुझे 

समाधि में ।

आनन्द में, 

परमानन्द में ।

तेरी ज्योति के 

मृदु आनन्द में ।

- श्री श्री परमहंस योगानंद जी ।