नील कमल चरण
तल्लीन है, मन की मधुमक्खी, नील कमल चरण पर, तेरे जगन्माता। जगन्माता, मेरी जगन्माता, जगन्माता, मेरी जगन्माता ।। - श्री श्री परमहंस योगानंद जी।