मुझको प्रेम बना दो गुरुवर
मुझको प्रेम बना दो गुरुवर,
निश्छल मधुर पावन सुंदर।

रंगों की तरह बिखरा दो,
खुशबू की तरह उड़ा दो।


सृष्टि के कण कण तक,


हर प्राणी की धड़कन तक,


मुझको पहुंचा दो।



प्रेम की अनंत धारा में,


मुझको बहा दो,


              प्रेम के अथाह सागर में,


मिल जाने दो,


समा जाने दो।

- योगदन्स ।