दिये हैं आपने हमें प्रेमवतार
दिये हैं आपने हमें प्रेमवतार,

दिए हैं आपने हमें तारणहार,

         मुकुंद बनाए योगानंद,

         आपके चरणों मे ,

         हृदय से आभार,

          जय हो ज्ञानवतार,

           श्री युक्तेश्वर जी महाराज।




            हिमालय सा मस्तक,

           और है सिंह सी चाल,

           नैना तेजोमय हैं ,

           विशाल हैं दयार्द्र,

           जय हो ज्ञानवतार,

           श्री युक्तेश्वर जी महाराज।




          लौह पुरुष सी दृढ़ता,

          प्रवीणता की मिसाल ,

          ज्ञान की इस ज्वाला को,

          शत शत करें प्रणाम,

          जय हो ज्ञानवतार,

          श्री युक्तेश्वर जी महाराज।




          हो वीर तुम,

          भारत के अभिमान,

          प्रभु की इच्छा के अनुसार,

          हिरण्यलोक का भी तुम,

          कर रहे उद्धार,

          जय हो ज्ञानवतार,

        श्री युक्तेश्वर जी महाराज।




            बाबाजी के दूत बन,

           किया जग कल्याण,

          ज्ञान और प्रेम से,

          पूरब पश्चिम का ,

          किया मिलाप,

          जय हो ज्ञानवतार,

          श्री युक्तेश्वर जी महाराज।


        - योगदन्स ।