धन्य भाग्य मैंने सद्गुरु पाया
धन्य भाग्य मैंने सद्गुरु पाया,
सद्गुरु पाया जग बिसराया,
गुरु की सेवा गुरु की भक्ति,
गुरु चरणों मे जीवन मुक्ति,

गुरु ने सोया           भाग्य जगाया।

गुरु का सुमिरन            गुरु का पूजा,

गुरु सम कोई              और न दूजा,

तन मन गुरु             के रंग रंगाया।

गुरु की महिमा              कही न जाये,

जो ध्याय वो               प्रभु को पाए,

जन्म जन्म का           दुख बिसराया।


- योगदन्स ।