जब मुझ में बहे प्रभु संगीत
जीवन है मधुर, मृत्यु सपना।

जब मुझ में बहे 

तव संगीत,

प्रभु, 

जब मुझ में बहे 

तव संगीत।

आनन्द मधुर, 

दुख एक सपना

जब मुझ में बहे 

तव संगीत, 

प्रभु, 

जब मुझ में बहे 

तव संगीत।



लगे स्वास्थ्य मधुर, 

रोग एक सपना
जब मुझ में बहे

तव संगीत,

प्रभु, 

जब मुझ में बहे 

तव संगीत।

लगे कीर्ति मधुर, 

निन्दा सपना,

जब मुझ में बहे 

तव संगीत,

प्रभु, 

जब मुझ में बहे 

तव संगीत।


- श्री श्री परमहंस योगानंद जी।