अब मोहे श्याम दर्शन दीजो
अब मोहे श्याम दर्शन दीजो, न सुनी तो प्रेम न कीजो। काहे न सुने तू मेरी कन्हाई, यूँ तरसाने से न होगी बढ़ाई। हठ करना तो मोहे भी आये, न मानूँ मैं लख तू मनाये। बैरी जगत से आस न कीजो, तेरे सिवा अब कोई नही दूजो। - योगदन्स ।