मैं हूँ बुलबुला
ऐसा कर दे भगवन: तु और मैं कभी न बिछड़े। सागर की लहर, सागर में मिला। मैं हूँ बुलबुला, सागर बना। सागर बना, मुझे सागर बना। मैं हूँ बुलबुला, सागर बना । - श्री श्री परमहंस योगानंद जी।