जाओ कान्हा जाओ
जाओ कान्हा जाओ, मैं न तोसे बोलूंगी, वादा करके न आते हो, बड़े झूठे हो तुम कन्हाई। प्रेम बरसे इन नयनो से, झरने हुए जैसे बिन सावन के, राह निहारूं बाट तकूँ मैं, बने हो तुम क्या पत्थर के। और जो तुम ने यूँही सताया, लो जी मैं तो रूठ गयी, मुझको मनाने तो आओ कन्हाई, ऐसे बनो न तुम हरजाई। - योगदन्स ।