तुम ही मेरे रसना, तुम ही मेरे बैना
तुम ही मेरे रसना, तुम ही मेरे बैना,

तुम ही मेरे श्रवणा, तुम ही मेरे नैना।

    तुम ही मेरे नख शिख, सकल शरीरा,

            तुम ही मेरे जियरे,

            ज्यूँ जल नीरा,

            तुम ही मेरे मन हो, 
 
            तुम ही मेरे साँसा,

            तुम ही मेरे सुर,

            तई प्राण निवासा।


            तुम ही मेरे आत्म,

            कँवल मंझारे,

            तुम ही मेरे मनसा, 

            तुम ही परिवारी,

तुम बिन मेरो और कोई नाहीं,

तुम ही मेरे जीवन,

 हो गुरुदेवा।

... योगदन्स।