सीता राम सीता राम सीताराम कहिए
सीता राम सीता राम सीताराम कहिए,

जाहि बिधि राखे राम ताहि विधि रहिए।


             जिंदगी की डोर सौंप
             हाथ दीनानाथ के,

             महलों में राखे चाहे 
             झोपड़ी में वास दे,

             विधि की विधान 
             जान हानि लाभ सहिये।


            किया अभिमान तो 
            फिर मान नही पाएगा,

            होगा प्यारे वही जो 
            श्री राम जी को भायेगा,

            सब अभिलाषा त्याग 
            कर्म करते रहिए।


           आशा एक राम जी 
           से दूजी आशा छोड़ दे,

           नाता एक राम जी 
           से दूजा नाता तोड़ दे,

           तू अकेला नही 
           प्यारे राम तेरे साथ में,

          साधु संत राम 
          रंग अंग अंग रंगिये।

          - योगदन्स ।