जय शंकर चंद्र भाल
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय

जय शंकर चंद्र भाल,

गंगा धर कंठ व्याल (सर्प),

कलानाथ              आशुतोष, 
(तुरंत प्रसन्न             होने वाला)

काटो भव               बंध जाल ।




श्वेत भस्म          अंग अंग,

धारे भूषण          भुजंग,

नृतक नट-           -राज शम्भू,

कर त्रिशूल            भूली भंग।




जटा जूट           चंद्र लेख,

शीश सोहे          गंग धार,
 
बाजत कर           डमरु नाद,

तांडव सतत        विहाल।




जय त्रिनेत्र    अजिन      धार, (खाल)

सर्व अंग                 मुंड माल,

अर्ध नारी               उमा संग,

करो कृपा              महाकाल।




- योगदन्स