तेरे रंग में संवर गयी हूँ साँवरे
तेरे रंग में संवर गयी हूँ साँवरे,
सुध बुध भूल बैठी हूँ मुरलीवाले ।


मुझकॊ बना लो ना अपनी बांसुरी रे,
लगूँ तो लगूँ बस तेरे ही अधरों तले।
या तो रहूँ तेरे हाथों में,
      या तो बंधु 
    तेरी करधनी से।


       चलूँ तो चलूँ बस 
     तेरे ही इशारों से ,
बेध देना तू मुझे अपनी नज़रो से,
बजूं तो बजूं बस तेरी ही सांसो से।

- योगदन्स ।