शिवोऽहम् शिवोऽहम् शिव स्वरूपोऽहम्
शिवोऽहम् शिवोऽहम् शिव स्वरूपोऽहम्। नित्योऽहम् शुद्धोऽहम् बुद्धोऽहम् मुक्तोऽहम्।। अद्वैतमानंदम् रूपम् अरूपम्। ब्रह्मोऽहम् ब्रह्मोऽहम् ब्रह्म स्वरूपोऽहम्।। चिदोऽहम् चिदोऽहम् सच्चिदानंदोऽहम्।। ।। श्री शंकराचार्य कृत ।।