या कुन्देन्दु तुषार...जादयापहाम
जय जय जय श्री मात सरस्वती विद्या दायिनी शुभ वर दायिनी पद्मासनी तू मात सरस्वती। हंस वाहिनी तिमिर नाशिनी ज्योति जगा- वनी मात सरस्वती। मधुर गायिनी वीणा बजावनी सुर आराधनी मात सरस्वती। ।। इति।।