रोम रोम में राम समाये
रोम रोम में राम समाये,
राम ही मन में राम जगाये,
राम श्री राम जय राम जय जय राम।

           राम ही दीपक राम ही ज्योति,
           राम ही आँखें राम ही दृष्टि,
           राम ही धागा राम ही मोती,
           राम ही ईश्वर राम ही भक्ति,
           राम ही खेल रचाएं।

          राम छवि और राम ही दर्पण,
          राम चरण में राम ही अर्पण,
          राम वचन है राम आचरण,
          राम ध्येय और राम ही जीवन,
          राम ही पार लगायें।

          - योगदन्स ।