कान्हा मेरे, तुम्ही बसे हो
कान्हा मेरे, 

तुम्ही बसे हो,

मन में मेरे,

    रहे न कोई अंतर,

     तुझमे और मुझमें,

     मैं तुझमें 

     और तू मुझमें,

     बस रहूँ हमेशा 

     तेरे हृदय में ।



    कभी तो प्रेम बनके,

     कभी तो आस बनके, 

      कभी तो विरह बनके, 

     छलके नीर बनके 

    मेरे नयनो से।



    प्रेम की इस धारा में,

    ये संसार है ब‍हता,

    प्रेम माला में 

     सभी को पिरो दो।


     - योगदन्स ।