एक ही भाव में डूबी हूँ गुरुवर
एक ही भाव में डूबी हूँ गुरुवर.
मेरा शीश झुका है तुम्हारे चरण।

एक ही है तीरथ मेरा,
एक ही है दर्शन,
         गुरुदेव योगानन्द तुम्हारे, 
         ध्यायूँ चरण कमल।

          एक ही है संघर्ष मेरा.
          एक ही है संकल्प.
           गुरुदेव योगानंद तुम्हारा.
          करूँ मैं अनुपालन।

          एक ही है पनाह मेरी. 
          एक ही है संबल.
          गुरुदेव योगानन्द तुम्हारा.
          पलछिन करूँ सुमिरन

... योगदन्स