पग पग अपने ही रंग में मोको
पग पग अपने ही रंग में मोको,
ऐसो रंग दीजो पिया।
तेरो ही मुखड़ा हर सूँ देखूँ,
        दूजौ कोउ न समाय जिया।।

          भर भर मांग
          चरण रज तेरी,
            एक तेरे ही संग 
             रचाऊँ बियाह।
               बावरी बन बन बन डोलूँ,
              जैसे राम संग फिरै सिया,
                राम राम राम राम।  

        तेरे अंग यूँ जब अंग लगाओ,
         छवि जग की भई मटियारी,
          आंगन छूटौ पनघट छूटौ,
             छूटौ बाप महतारी,
              बावरी बन बन बन डोलूँ,
            जैसे राम संग फिरै सिया,
            राम राम राम राम।  

             भर काजल तोय 
              नयन सराहूं,
         काया पे तेरी ही वारी जाऊं,
         मतवारी मति ऐसी मारी,
         पिया तो अंदर आप बसत हैं,
         कित उनको ढूंढन जाऊँ,
         राम राम राम राम राम।

- योगदन्स ।