जयगुरू

गुरुदेव ने अपने शिष्य व भ्राता श्री सनन्दलाल घोष को निर्देशित किया “अपना जीवन ईश्वर, हमारे गुरुजनों व योगदा की सेवा के लिए समर्पित करो। “ उनके दिशानिर्देशों को हृदय से अनुसरण करते हुए सदैव गुरुदेव, महान गुरुजनों एवं संस्था के लिए समर्पित हम योगदन्स (अर्थात योगदा के अंश) पूज्य गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्द जी के शिष्य वृन्दों का एक समूह है जो अपनी संस्था (योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया) व गुरुदेव के प्रति पूर्ण तरह समर्पित है। हमारे सभी कार्य पूज्य गुरुदेव के चरणों में हमारा अहेतुकि समर्पण हैं। हम केवल माध्यम हैं कर्ता एकमात्र पूज्य गुरुदेव हैं। यह वेबसाइट योगदन्स द्वारा निर्मित और व्यवस्थित है हम इस कार्य को किसी लाभ (प्रत्यक्ष या परोक्ष लाभ) के लिये नही कर रहें हैं। इस वेबसाइट का एकमात्र उद्देश्य गुरुदेव की अमूल्य शिक्षाओं को सभी हिन्दीभाषी आत्मजनों को सुलभ करवाना है। इस वेबसाइट से संबंधित सभी खर्च भी गुरू कृपा व आपसी समन्वय से ही वहन कर रहें। केवल गुरुदेव की शिक्षाएं ही हमारा मार्गदर्शन कर रही है। गुरुदेव ने देह त्याग से पूर्व कहा था “मेरे बाद मेरी शिक्षाएं ही गुरु होंगी।”

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